समाज और धर्म से हमेशा दूर रहा किन्तु 2008 में मुझे मेरी राजनैतिक सक्रियता की वजह से जैन समाज के वरिष्ठजनों द्वारा युवा समिति का अध्यक्ष बनाने की घोषणा कर दी गई, जिसकी जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए सामाजिक क्षेत्र में कार्य प्रारंभ किया। वो बोलते है ना सर मुड़ाते ही ओले गिरना मेरे साथ भी ऐसा हुआ, नियुक्ति के कुछ समय के बाद ही हमारी आस्था के केंद्र मंदिर में चोरों ने भगवान की दो प्रतिमाओं के साथ कई बहुमूल्य वस्तुओं की चोरी कर ली, सुस्त पुलिस प्रशासन के रवैय्ये के खिलाफ हमने मौन जुलूस निकाला साथ ही राजनैतिक दबाव बनाया उस समय केंद्रीय मंत्री डॉ. महंत ने काफी राहत पहुंचाई। इस बीच मुझे 2012 में जैन युवा संघ का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। कुछ समय बाद मूलबद्री कर्णाटक में लाखों करोड़ की कई मूर्तियां चोरी हो गई और संदेह का तार छत्तीसगढ़ से जुड़ा था जिसपर भी कई आंदोलन किये जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया , समाज के प्रतिनिधि मंडल को केंद्रीय मंत्री डॉ. महंत से मिलवाकर सी.बी.आई. जाँच हेतु कर्णाटक सरकार और केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र प्रेषित कराया, बाद में दोनों ही केस में मूर्तियां प्राप्त हुई।

इसके बाद राजस्थान के अनूप मंडल गिरोह के खिलाफ जो समाज में कई तरह की गंभीर वारदातों में शामिल रहा और शोसल मिडिया में अपने ग्रन्थ को आधार बना कर समाज के खिलाफ दुशप्रचार कर नुक्सान पहुंचा रहा था के खिलाफ पहली एफ.आई.आर. रायपुर में दर्ज करवाई तथा इसकी कई वेबसाइट पर भी रोक लगवाई।

सामाजिक और राजनीति क्षेत्र में बढ़ती रूचि के कारण मुझे समाज को राजनीति में जोड़ने, समाज में राजनीति के प्रति लोगों के रुझान को बढ़ाने समाज और प्रदेश में राजनैतिक जागरूकता लाने के उद्देश्य से 2015 में राष्ट्रीय संस्था जैन राजनैतिक चेतना मंच का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।

राजनीति में बुराइयों को दूर करना प्रत्येक समाज की जिम्मेदारी होती है, इस लिए मैंने इस जिम्मेदारी को सहर्ष स्वीकार करते हुए बीड़ा उठाया, राजनीति को जो लोग गलत, दूषित और गन्दा दलदल समझते हैं, राजनेताओं को गालियां देते है, और अपने मत का प्रयोग भी नहीं करते और बुद्धिजीवी वर्ग कहलाते है उन्हें राजनीति से नफरत ना करने बल्कि राजनीति में हिस्सेदारी निभाने और दूषित राजनीति में सुचिता कायम करने का प्रयास इस सिद्धांत को अपना कर प्रारम्भ किया कि मानव सेवा ही माधव सेवा है। इस लिए राजनीति में भगवान महावीर के सिद्धांतों को अपना कर "जियो और जीने दो" और सर्वे भवन्तु सुखिनः का पालन करते हुए मानव सेवा करें जो राजनीति में दीर्घकालीन सफलता के साधन है।

इसी उद्देश्यों को पूरा करने निकल पड़ा छत्तीसगढ़ का दौरा करने, प्रदेश के लगभग सभी जिलों का दौरा किया बस्तर संभाग हो या सरगुजा सभी नगरों और गांवों में जाकर समाज के लोगों को एक मंच से जोड़ता रहा और सकारात्मक सोच के साथ चेतना जगाने का काम करता रहा। आज प्रदेश में हजारों की संख्या में साथी साथ जुड़ कर सामाजिक और राजनैतिक क्षेत्र में सहियोग और कार्य कर रहें है। अन्य सभी तबके और समाजों को साथ जोड़ने के लिए हमने वीर फाउंडेशन का गठन कर समाज सेवा का कार्य प्रारम्भ किया, गरीब, दुःखी, जरूरत मंदो की हर तरह से मदद करने का लक्ष्य लेकर ब्लड, मेडिकल ट्रीटमेंट, शिक्षा और रोजगार में मदद जैसे प्रयास कर रहें है। साथ ही विभिन्न सामाजिक और राजनैतिक क्षेत्र के साथ अल्पसंख्यक योजनाओं की जानकारी एवं जागरूकता लाने खासकर महिलाओं और युवाओं के लिए कई कार्यशालाओं का आयोजन प्रदेश के कई जिलों में लगातार आयोजित किये जा रहें है, जो निरंतर जारी है। आज छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश में समाज सेवा के लिए हमारी टीम ने अपनी खास पहचान स्थापित की है।