बस्तर में कॉरपरेट, ठेकेदार, अफसर, नेता और नक्सली गठजोड़ की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए: प्रवीण जैन
नक्सली हमले में मृतक सुरक्षा बल जवानों की संख्या बढ़ते हुए 34 हो गई है, केंद्रीय गृहमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री ने बस्तर से नक्सलवाद के खात्मे की घोषणा कर दिया था, परंतु पुनः जवान मारे गए। एक ऐसी सरकार और प्रशासन जिसे स्वतंत्र पत्रकारिता करने वालों, निर्दोष नागरिकों को परेशान करने में आनंद आता हो ,उसका खुफिया तंत्र चापलूसों ,ठेकेदारों के दलालों पर निर्भर हो, वहां निर्दोष आदिवासी और कर्तव्य निभा रहे जवान ही मारे जाते हैं, आप बस्तर में विकास के नाम पर खर्च हो रहे बड़ी धनराशि को देखेंगे तो पाएंगे कि वहां तो सारे काम सुचारू रूप से चल रहे हैं, ठेकेदार सड़कें बनवा रहे, उनकी रक्षा जवान कर रहे, पैसा ठेकेदार कमा रहे, कमीशन अफसर खा रहे और उनकी रक्षा करते जवान शहीद हो रहे। ये नक्सली भी खास चीज हैं, सत्ता के गलियारों में इनकी पैठ है, ठेकेदार,कारपोरेट इन्हें फंड देते हैं, ठेकेदारों के मुनाफे के सारे व्यापार चलते हैं, बस मारे जाते हैं निर्दोष आदिवासी और जवान। आपने आज तक किसी नक्सली द्वारा किसी भी (जंगल बिजली सड़क पीडब्ल्यूडी आदि )ठेकेदार को मारते नहीं सुना होगा। बस्तर में कारपोरेट ठेकेदार अफसर नेता और नक्सली गठजोड़ की उच्च स्तरीय जांच की मांग के साथ शहीद सभी सुरक्षा बलों को सादर श्रद्धांजलि
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