FIR दर्ज ना होने पर है शिकायत के प्रावधान जानें…

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एफआईआर दर्ज ना होने पर शिकायत(परिवाद) :-
जब पुलिस अधिकारी एफआईआर के आधार पर कार्यवाही नहीं करता है, तब व्यथित व्यक्ति उस मजिस्ट्रेट को शिकायत कर सकता है , जिसे उस अपराध पर संज्ञान लेने की अधिकारिता है । अगर एफआईआर दर्ज न हो तो पीड़ित पक्ष इलाके के अडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट या चीफमेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा -156 (3) के तहत शिकायत कर सकता है। हर जिला अदालत में एक अडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट बैठता है। दिल्ली से बाहर के मामले में चीफ जूडिशियल मैजिस्ट्रेट ( सीजेएम ) के सामने शिकायत की जा सकती है। इसके बाद अदालत मामले को संबंधित मैजिस्ट्रेट को रेफर करती है। इसके बाद मैजिस्ट्रेट के सामने शिकायती अपना पक्ष रखता है और उससे संतुष्ट होने के बाद मैजिस्ट्रेट एफआईआर दर्ज करने का आदेश देता है। अगर मैजिस्ट्रेट ने अर्जी खारिज कर दी तो उस अदालती फैसलेके खिलाफ ऊपरी अदालत में अर्जी दाखिल की जा सकती है।dama-mujer-estatua-de-la-justicia-ideal-regalo-para-abogado-891301-MLA20290727602_042015-F
अधिवक्ता प्रवीण जैन रायपुर
9406133701

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