बस्तर में कॉरपरेट, ठेकेदार, अफसर, नेता और नक्सली गठजोड़ की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए: प्रवीण जैन

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नक्सली हमले में मृतक सुरक्षा बल जवानों की संख्या बढ़ते हुए 34 हो गई है, केंद्रीय गृहमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री ने बस्तर से नक्सलवाद के खात्मे की घोषणा कर दिया था, परंतु पुनः जवान मारे गए। एक ऐसी सरकार और प्रशासन जिसे स्वतंत्र पत्रकारिता करने वालों, निर्दोष नागरिकों को परेशान करने में आनंद आता हो ,उसका खुफिया तंत्र चापलूसों ,ठेकेदारों के दलालों पर निर्भर हो, वहां निर्दोष आदिवासी और कर्तव्य निभा रहे जवान ही मारे जाते हैं, आप बस्तर में विकास के नाम पर खर्च हो रहे बड़ी धनराशि को देखेंगे तो पाएंगे कि वहां तो सारे काम सुचारू रूप से चल रहे हैं, ठेकेदार सड़कें बनवा रहे, उनकी रक्षा जवान कर रहे, पैसा ठेकेदार कमा रहे, कमीशन अफसर खा रहे और उनकी रक्षा करते जवान शहीद हो रहे। ये नक्सली भी खास चीज हैं, सत्ता के गलियारों में इनकी पैठ है, ठेकेदार,कारपोरेट इन्हें फंड देते हैं, ठेकेदारों के मुनाफे के सारे व्यापार चलते हैं, बस मारे जाते हैं निर्दोष आदिवासी और जवान। आपने आज तक किसी नक्सली द्वारा किसी भी (जंगल बिजली सड़क पीडब्ल्यूडी आदि )ठेकेदार को मारते नहीं सुना होगा। बस्तर में कारपोरेट ठेकेदार अफसर नेता और नक्सली गठजोड़ की उच्च स्तरीय जांच की मांग के साथ शहीद सभी सुरक्षा बलों को सादर श्रद्धांजलि

हमले में 26 जवान शहीद, 6 घायल, 8 लापता 4-5 नक्सली भी मारे गए, शहीदों के हथियार लूटे पिछले माह भी इसी जिले में हुए थे 12 जवान शहीद

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जगदलपुर, 24 मार्च। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में आज दोपहर पुलिस व नक्सलियों के मध्य हुयी मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 26 जवान शहीद एवं 6 जphpThumb_generated_thumbnail (1)वान घायल हो गए हैं। पुलिस ने मुठभेड़ में 4-5 नक्सलियों के मारे जाने का दावा किया है। नक्सली शहीद जवानों के हथियार भी लूटकर ले गए। हमले के बाद से 8 जवान लापता हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार चिंतागुफा थाने से संयुक्त पुलिस बल गश्त सर्चिंग के लिए रवाना हुआ था। ग्राम बुरकापाल के समीप जंगल में घात लगाए नक्सलियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फौरन मोर्चा संभालते हुए गोलीबारी की। लगभग 2 घंटे की मुठभेड़ बाद अंतत: नक्सली घने जंगल और पहाड़ी की आड़ लेकर भाग गए।

अधिकारिेयों ने की 26 के शहादत की पुष्टि
बस्तर डीआईजी पी सुंदरराज एवं सुकमा एसपी अभिषेक मीणा ने बताया कि मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 74वीं बटालियन के 26 जवान शहीद हुए हैं साथ ही 6 जवान गंभीर रूप में जख्मी हो गए हैं। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ के बाद से 8 जवान लापता हैं, जिनकी सरगर्मी से पतासाजी की जा रही है। घायल एक जवान की उपचार के लिए रायपुर ले जाते वक्त रास्ते में ही सांसे थम गयीं। घायल जवानों को हेलीकाप्टर से रायपुर रेफर किया गया है। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल पर मौजूद परिस्थितिजन्य साक्ष्य, खून के धब्बे एवं घसीटे जाने के निशान से यह साबित होता है कि कम से कम 4-5 नक्सली मारे गए हैं और कई लहुलूहान हुए हैं, साथियों के शव नक्सली अपने साथ ले जाने में कामयाब रहे।

घायल जवानों के नाम
एएसआई आरपी हेमब्राम, हेड कांस्टेबल राम मेहर, सीटी स्वरुप कुमार, मोहिन्दर सिंह, जितेंद्र कुमार, शेर मोहम्मद, लटू उरांव।

सप्ताह भर पहले बनी थी हमले की योजना
सुकमा जिले में नक्सलियों ने केन्द्रीय सुरक्षा बल के जवानों को ट्रेप किया है। यहां जवानों के लिए पहले से ही एंबुश लगा रखा था। जवानों को ट्रेप करने के लिए नक्सलियों ने कई दिनों पहले ही पूरी प्लानिंग कर ली थी, लेकिन वो सही समय और मौके के इंतजार में थे। सूत्रों के अनुसार हमले के वक्त 200-250 से अधिक नक्सली मौजूद थे, जो आधुनिक हथियारों से लैस थे। नक्सलियों के पास मोर्टार भी मौजूद था।

पहले ब्लास्ट किया फिर फायरिंग
जैसे ही जवानों नक्सलियों के एंबुश की जद में आए नक्सलियों ने जबरदस्त बारूदी सुरंग विस्फोट कर दिया। जवान जब तक संभल पाते पहाडिय़ों में छिपे नक्सलियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।

कंपनी नंबर एक का कारनामा
भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो इस घटना को नक्सलियों कि मिलिट्री बटालियन की कंपनी नंबर एक ने अंजाम दिया है और इस पूरे हमले का नेतृत्व नक्सली नेता सीटू ने किया है। इस इलाके की पूरी कमान वैसे तो हिड़मा के हाथों में है और हिड़मा ही इलाके में लीड करता है लेकिन इसके अलावा अर्जुन और सीटू उर्फ सोनू भी यहां सक्रिय हैं।

आसपास कैम्पों के बावजूद एंबुश में फंसे जवान
बुरकापाल के निकट जिस स्थान पर जवान नक्सलियों के एंबुश में फं से थे, उसके आसपास सुरक्षा बलों के कई कैंप हैं। बताया जा रहा है कि यहां हर पांच किमी में एक कैंप है। ऐसे में नक्सलियों ने चिंतागुफा थाने से महज डेढ़ किलोमीटर दूर ही जवानों को फंसाने के लिए एंबुश लगाया था।

कल लाए जाएंगे शव
चंूकि मुठभेड़ स्थल धुर नक्सल प्रभावी दुर्गम क्षेत्र है और अंधेरा घिर आया है इसीलिए फिलहाल शहीदों के शव को लाना सुरक्षा के दृष्टिकोण से संभव नहीं है। इस स्थल पर हेलीकाप्टर उतारना भी संभव नहीं है।

पिछले माह भी शहीद हुए थे 12 जवान
यहां यह उल्लेख करना लाजिमी होगा कि पिछले माह 11 मार्च को ही सुकमा जिले में इंजरम-भेज्जी मार्ग निर्माण को सुरक्षा प्रदान करने रवाना की गयी, सीआरपीएफ 219वीं बटालियन की पार्टी से हुयी मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 12 जवान शहीद एवं 3 अन्य गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे, उस वक्त भी नक्सली शहीद जवानों के हथियार लूटकर ले गए थे।

भाजपा की कमीशनखोरी के खिलाफ कांग्रेस छेड़ेगी प्रदेश व्यापी आंदोलन गांव, मुहल्लों में होगी 10,000 से अधिक नुक्कड़ सभायें कमीशनखोर भाजपाईयो की जलाये जायेंगे पुतले, कांग्रेस का नारा है बहुत हो गया अब नहीं खाने दूंगा

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भाजपा की कमीशनखोरी के खिलाफ कांग्रेस छेड़ेगी प्रदेश व्यापी आंदोलन
गांव, मुहल्लों में होगी 10,000 से अधिक नुक्कड़ सभायें
कमीशनखोर भाजपाईयो की जलाये जायेंगे पुतले 
कांग्रेस का नारा है बहुत हो गया अब नहीं खाने दूंगाunnamed
रायपुर/23 अप्रैल 2017। आज दिनांक 23.04.2017 दिन रविवार को शाम 06.30 बजे कांग्रेस भवन रायपुर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की आपात एवं आवश्यक बैठक प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल की अध्यक्षता तथा नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव एवं प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में संपन्न हुई।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आपात एवं आवश्यक बैठक बुलाये जाने के कारणों का खुलासा करते हुये कहा कि जिस शर्मनाक ढंग से प्रदेश के मुख्यमंत्री रमन सिंह रायगढ़ में प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी की बैठक मंत्रियों, निगम अध्यक्षों एवं पदाधिकारियों को कमीशन लेने की स्वीकारोक्ति कर लोकतंत्र को शर्मसार किया है। कमीशनखोर सरकार का मुखिया होने के नाते डाॅ. रमन सिंह हर दृष्टि से जिम्मेदार है। कांग्रेस मांग करती है कि रमन सिंह मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे, इस्तीफा नहीं देते है तो हमारी राज्यपाल से मांग है कि वे इस कमीशनखोर सरकार को तत्काल भंग कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करे। कांग्रेस सीबीआई, भ्रष्टाचार निवारण समिति, एवं अन्य जांच एजेसियो को तत्काल भ्रष्ट मंत्रियों एवं भाजपा नेताओं के खिलाफ जांच कर कार्यवाही करने हेतु प्रतिवेदन देगी। राज्यपाल एवं राष्ट्रपति को भ्रष्टाचार में आकंठ डुबे भाजपा के रमन सरकार को तत्काल भंग करने हेतु ज्ञापन सौपेगी। भ्रष्ट रमन सरकार को अपदस्थ होने तक कांग्रेस द्वारा पूरे प्रदेश में इस कमीशनखोर के खिलाफ आंदोलन चलाया जायेगा। 10,000 नुक्कड़ सभा पंचायत एवं शहर के मुहल्लों चैक-चैराहो में स्थानीय भाजपा नेता जो कमीशनखोर है उसका पुतला दहन किया जायेगा। मुख्यमंत्री और मंत्री के साथ कमीशनखोर भाजपा नेता का पुतला दहन किया जायेगा। प्रधानमंत्री कहते है न खाउंगा न खाने दूंगा हमारा नारा है अब खाने नहीं दूंगा। वरिष्ठ नेताओं की देख-रेख में आंदोलन होगा। सभी मोर्चा संगठन अपने संबंधित विभाग के भ्रष्टाचार एवं कमीशन खोरी के मुद्दे को उठायेगे।
कांग्रेस विधायक दल के नेता टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि कमीशनखोरी की स्वीकारोक्ति के बाद रमन सिंह एक भी दिन सत्ता में बने रहने लायक नहीं है। रमन सिंह के वनवास का समय आ गया है। एक साल के लिये कमीशन बंद करने की बात कहकर उन्होने स्वीकार कर लिया कि कमीशनखोरी उनकी जानकारी में हो रही है। उन्होने संगठन चुनाव व सदस्यता अभियान के संबंध में भी अपने विचार रखे।
इसके साथ ही बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार संगठन चुनाव जो कि 25 अक्टूबर तक संपन्न करायी जाने के संदर्भ विस्तार से चर्चा की गई। 15 मई तक अनिवार्य रूप से सदस्यता फार्म प्रदेश कार्यालय में जमा करा दिये जायेगे। वही अधिकाधिक सदस्य बनाकर सदस्यता अभियान को निर्धारित समय सीमा पर संपन्न करने का भी निर्देश दिये गये। इसके साथ ही राज्य सरकार के द्वारा आनन-फानन में घोषित की गयी महुआ नीति से हुये नुकसान पर भी व्यापक चर्चा की गई। सरकार ने बिना सोच विचार किये महुआ नीति बना लिया था भले ही बाद में उसे वापस लिया, लेकिन इसके कारण ग्रामीण अंचल और वनांचल के लोगो को नुकसान उठाना पड़ा।
पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश में रमन सरकार की कार्यकाल में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री एवं भाजपा नेतागण केवल एक ही सूत्रीय कार्यक्रम कमीशनखोरी में लगे हुये है। ये छत्तीसगढ़ का दुर्भाग्य है।
पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने छत्तीसगढ़ की मीडिया को धन्यवाद देते हुये कहा कि भारतीय जनता पार्टी की कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री रमन सिंह के कमीशनखोरी की स्वीकारोक्ति को जिस ढंग से पूरे प्रदेश में प्रमुखता के साथ प्रचारित किया जिससे इस सरकार की पोल आम जनता में खुल चुकी है। अब कांग्रेस जनो को विधानसभा से लेकर ग्राम पंचायत तक कमीशनखोर सरकार को बेनकाब करना है।
पूर्व मंत्री मो. अकबर ने कहा कि डाॅ. रमन सिंह की पकड़ पार्टी  और जनता में लगभग खत्म हो चुकी है। लोकसुराज अभियान को छत्तीसगढ़ की जनता ने नकार दिया है।
लोकसभा सांसद ताम्रध्वज साहू ने कांग्रेसजनो से आग्रह किया है कि अब पंचायत स्तर पर लोगो के बीच जाकर इस भ्रष्ट सरकार के बारे में आम जनता को अवगत कराये।
वरिष्ठ नेता राजेन्द्र तिवारी ने प्रदेश अध्यक्ष को बधाई देते हुये कि इस गंभीर मुद्दे पर आपात बैठक बुलाकर एक अच्छी पहल की है। अब बगैर विलंब किये रमन सिंह  और भाजपा के कारगुजारियो को आंदोलन के माध्यम से जनता तक अच्छे ढंग से पहुंचाये।
बैठक को पूर्व मंत्री अमितेष शुक्ल, पूर्व सांसद पी.आर. खूंटे, महामंत्री रमेश वल्र्यानी, अटल श्रीवास्तव, शैलेश नितिन त्रिवेदी, विकास उपाध्याय, चंद्रशेखर शुक्ला सहित अन्य वक्ताओं ने अपनी महत्वपूर्ण सुझाव दिये।
बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, कांग्रेस विधायक दल के नेता टी.एस. सिंहदेव, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा, पूर्व मंत्री मो. अकबर लोकसभा सांसद ताम्रध्वज साहू, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, पूर्व मंत्री अमितेष शुक्ल, उपाध्यक्षगण बोधराम कंवर, पी.आर. खूंटे, वरिष्ठ नेता राजेन्द्र तिवारी, रमेश वल्र्यानी, महामंत्रीगण गिरीश देवांगन, शैलेश नितिन त्रिवेदी, पदमा मनहर, राजेश तिवारी, अटल श्रीवास्तव, दीपक दुबे, शंकर लाल ताम्रकार, भोलाराम साहू, मलकित सिंह गैंदू, कार्यसमिति सदस्यगण गंगा ठाकुर पोटाई, प्रतिमा चंद्राकर, देवेन्द्र बहादुर सिंह, इंदरचंद धाड़ीवाल, कृष्ण कुमार यादव, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा, मीडिया संयोजक आर.पी. सिंह, मीडिया सचिव सुशील आनंद शुक्ला, प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी, आनंद मिश्रा, सुरेन्द्र शर्मा, विकास तिवारी, मनीष दयाल, एम.ए. इकबाल, दिलीप अग्रवाल, शिव ग्वालानी, प्रदेश सचिव गण शिवसिंह ठाकुर, अजय साहू, सूर्यमणी मिश्रा, हरदीप सिंह बेनीपाल, निवेदिता चटर्जी, एजाज ढेबर, शफी अहमद, विजय बघेल, गनी खान, तुलसी साहू, प्रवीण वर्मा, राधेश्याम विभार, नागभूषण राव, धर्मेन्द्र यादव, प्रवीण साहू, विकास दुबे, पंकज महावर, आफताब आलम, आनंद कुकरेजा, दीपक दुबे, डाॅ. चैलेश्वर चंद्राकर, शहर एवं ग्रामीण जिला अध्यक्ष गण विक्रम मंडावी, विमल चंद सुराना, राजीव शर्मा, हरीश परसाई, दिलीप पांडेय, अभिषेक शुक्ला, महेश चंद्रवंशी, अलालीराम यादव, जितेन्द्र मुदलियार, अजय अग्रवाल, विकास उपाध्याय, नारायण कुर्रे, मंजू सिंह, विजय देवांगन, बाबूलाल साहू, राजेन्द्र शुक्ला, मोर्चा संगठन प्रकोष्ठ एवं विभाग के अध्यक्षगण अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष डाॅ. शिकुमार डहरिया, सेवादल प्रमुख चैन सिंह सामले, विचार विभाग के अध्यक्ष हसन खान, अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष सारिक रईस खान, किसान कांग्रेस अध्यक्ष चंद्रशेखर शुक्ला, अनुसूचित जनजाति विभाग के अध्यक्ष शिशुपाल सोरी, पिछड़ा वर्ग विभाग अध्यक्ष महेन्द्र चंद्राकर, नगरीय निकाय प्रकोष्ठ संतोष अग्रवाल, चिकित्सा प्रकोष्ठ डाॅ. राकेश गुप्ता,, विज्ञान एवं पर्यावरण सेल शोभा यादव, युवा पिछड़ा वर्ग सुमित दास, असंगठित क्षेत्र समस्या निवारण प्रकोष्ठ सद्दाम सोलंकी, व्यापार प्रकोष्ठ कन्हैया अग्रवाल, कौमी एकता प्रकोष्ठ मंगा सिंह, आईटीसेल प्रकोष्ठ के संयोजक राजेन्द्र परिहार उपस्थित थे।

10 वी बोर्ड के परिणाम घोषित। इस लिंक में जाकर परिणाम देखें।

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IMG_20170421_102649रायपुर. छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ( सीजीबोर्ड) ने 10वीं क्लास के रिजल्ट घोषित कर दिए हैं। इस बार 10वीं के रिजल्ट में 61 फीसदी स्टूडेंट्स पास हुए हैं। इस परीक्षा में 4 लाख 566 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। स्टूडेंट्स अपना रिजल्ट www.cgbse.net orwww.results.cg.nic.in पर देख सकते हैं।

ऐसे चेक करें रिजल्ट

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1. सबसे पहले ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।
2. इसके बाद रिजल्ट देखने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
3. अपना रोल नंबर और नाम डालें।
4. आपकी स्क्रीन पर रिजल्ट फ्लैश हो जाएगा।

शिक्षा मंत्री केदार कश्यप प्रदेश ने परिणाम घोषित किया। इस दौरान मंडल अध्यक्ष विकासशील, सचिव सुधीर अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। परीक्षा परिणाम में देरी होने की वजह टॉप 100 में आने वाले परीक्षार्थियों की कॉपियों की तीन बार जांच बताई जा रही है।

जनता ने जितनी नफ़रत से कांग्रेस को उखाड़ फेंका है उतने ही प्रेम से इसे वापस भी लायेगी। जो बुजदिल हैं वे पार्टी छोड़ भाग रहें हैं।

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जनता ने जितनी नफ़रत से कांग्रेस को उखाड़ फेंका है उतने ही प्रेम से इसे वापस भी लायेगी।

जो बुजदिल हैं वे पार्टी छोड़ भाग रहें हैं।

Adv. Praveen Jain ✍?
जो स्वार्थी मतलबी लोग पार्टी में मनमानी करते आये थे और पार्टी की बदौलत पद प्रतिष्ठा, नाम, जनाधार प्राप्त किया और अहंकार वश स्वयं को पार्टी से भी श्रेष्ठ और बड़ा समझने लग गये वे लोग ही पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थाम रहें है। इन लोगों के लिए सिद्धांत और विचार धारा कोई मायने नही रखती, यदि किसी को किसी अन्य पार्टी नेता से तकलीफ थी तो बुजदिल ना बनते बल्कि परिस्थितियों का डट कर सामना करते ये लोग तात्कालिक लाभ के लिए पार्टी रूपी मां और बाप बदल रहें है। इन कमजोर और भगौड़ों को सदा याद रखना चाहिये कि जब जब कांग्रेस कमजोर होकर सत्ता से बाहर हुई है वह अौर भी ताकत के साथ वापस आई है। आपात्काल के बाद 1977 के चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ़ इतना जबर्दस्त प्रचार हुआ था कि लोग सन 71 की जीत अौर बंगला देश की स्थापना को भी भूल गये। स्वयं इन्दिरा गांधी की ज़मानत तक ज़ब्त हो गयी थी। जनता के मन में पूरा विश्वास जमा दिया गया था कि इन्दिरा गांधी ने देश को तबाह कर दिया। जब जनता पार्टी आयेगी तो सारी बुराइयाँ दूर हो जायेंगी। न भ्रष्टाचार रहेगा, न महंगाई, कोई रिश्वत नहीं लेगा, काला धन नहीं कमायेगा, दूसरे शब्दों में देश के अच्छे दिन आ जायेंगे ।जनता पार्टी का शासन आया तो थोड़े दिन जश्न का माहौल रहा । कांग्रेस ये नहीं करती थी , कांग्रेस वो नहीं करती थी , पर शासन चलाना उनको आया ही नहीं ।देश की अर्थव्यवस्था चौपट हुई, विकास रुक गया, आम आदमी त्रस्त होने लगा। तब जनता की आँखें खुलीं अौर कांग्रेस को दुबारा सत्ता में लाई। यही अब भी होगा। जनता ने जितनी नफ़रत से कांग्रेस को उखाड़ फेंका है उतने ही प्रेम से इसे वापस भी लायेगी। कांग्रेस का 130 साल पुराना इतिहास देश के किसानों ,मजदूरो, गरीबों ,पीड़ित जनों के प्रति सहानुभूति का रहा है। जब भी जनता को लगेगा कि अशान्ति अौर हिंसा से हमारा कल्याण नहीं होगा तब उसे कांग्रेस की सत्य अहिंसा की नीति याद आयेगी। जब भी उसे लगेगा कि प्रत्येक नागरिक को उसके मौलिक अधिकारों से वंचित होना पड़ रहा है, तब उसे कांग्रेस की याद आयेगी जिसने हमेशा बिना भेदभाव के सबके हितों की रक्षा की है। जब भी उसे लगेगा कि देश ने जितना भी विकास किया है वह कांग्रेस के शासन में ही किया है ,तब उसे कांग्रेस की याद आयेगी ।जब भी उसे महसूस होगा कि हमें बातें करने वाली नहीं काम करके ठोस परिणाम दिखाने वाली सरकार चाहिये, उसे कांग्रेस को वापस लाना पड़ेगा। अभी तो देश की जनता काफ़ी खुश है ।वह गैर जरूरी मुद्दों में उलझने को ही विकास मान रही है ।उसे पता ही नहीं कि कांग्रेस को हटाकर उसने क्या गलती की है। ऐसे में कांग्रेस का चुप रहना ही बेहतर है। अभी कोई उस पर विश्वास नहीं करेगा। जब जनता के मन में अकुलाहट पैदा होगी तो कांग्रेस के लिये अनुकूल स्थिति पैदा होगी ।
कांग्रेस कभी मिट नहीं सकती। कांग्रेस को कोई मिटा नही सकते।
जय कांग्रेस

प्रवीण जैन
जिलाध्यक्ष
कांग्रेस व्यापार रायपुर

बाबरी मस्जिद केस: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- आडवाणी, जोशी और उमा सहित बड़े नेताओं पर चलेगा साजिश का केस

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बाबरी मस्जिद केस: सुप्रीम कोर्ट का फैसला- आडवाणी, जोशी और उमा सहित बड़े नेताओं पर चलेगा साजिश का केस

सुप्रीम कोर्ट ने लखनउ में आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अज्ञात ‘कारसेवकों’ के खिलाफ दो अलग-अलग मामलों की संयुक्त सुनवाई का आदेश दिया है. राजस्थान के राज्यपाल होने के कारण कल्याण सिंह को संवैधानिक छूट प्राप्त है और उनके कार्यालय छोड़ने के बाद ही उनके खिलाफ मामला चलाया जा सकता है.

लखनऊ की अदालत को को आदेश, दैनिक आधार पर हो सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ की अदालत को इन मामलों पर स्थगन की मंजूरी दिए बिना दैनिक आधार पर सुनवाई करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि अभियोजन के कुछ गवाहओं को बयान दर्ज कराने के लिए निचली अदालत में पेश होना होगा.
चार सप्ताह में कार्यवाही शुरू लखनऊ कोर्ट- SC

सुप्रीम कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई कर रही निचली अदालत के जजों को निर्णय दिए जाने तक स्थानांतरित नहीं किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई कर रही लखनऊ की अदालत को चार सप्ताह में कार्यवाही शुरू करने और यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि इस मामले की नए सिरे से कोई सुनवाई नहीं होगी.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई दो साल में पूरी करने का आदेश दिया है. बता दें कि बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद दो एफआईआर दर्ज हुई थी. एक एफआईआर लखनऊ में तो दूसरी एफआईआर फैज़ाबाद में दर्ज की गई थी.

यहां समझे पूरा अयोध्या मामला

यहां आपको बता दें कि अयोध्या मामले से जुड़े सुप्रीम कोर्ट में दो केस चल रहे हैं. पहला केस मंदिर है या मस्जिद. ये मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक कोई फैसला नहीं सुनाया है. वहीं, दूसरा केस ढांचा गिराने को लेकर है. आज ढांचा गिराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है.

इस फैसले का क्या असर होगा?

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब कल्याण सिंह पर राज्यपाल के पद से इस्तीफे देने का नैतिक दबाव होगा, जबकि उमा भारती केंद्रीय मंत्री हैं, ऐसे में उनपर मंत्री पद छोड़ने का नैतिक दबाव होगा. इसके साथ ही लालकृष्ण आडवाणी जो राष्ट्रपति पद की रेस में थे. अब उनके लिए मुश्किल की घड़ी है.

यहां समझे पूरा मामला

पहली FIR

1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद दो एफआईआर दर्ज हुई थी. एफआईआर संख्या 197 लखनऊ में दर्ज हुई. ये मामला ढांचा गिराने के लिए अनाम कारसेवकों के खिलाफ था.

दूसरी FIR

दूसरी एफआईआर यानी एफआईआर नंबर 198 को फैज़ाबाद में दर्ज किया गया. बाद में इसे रायबरेली ट्रांसफर किया गया. इस एफआईआर में आठ बड़े नेताओं के ऊपर मंच से हिंसा भड़काने का आरोप था. ये बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, साध्वी ऋतम्भरा, गिरिराज किशोर, अशोक सिंहल, विष्णु हरि डालमिया, उमा भारती और विनय कटियार थे.

कैसे बचे थे नेता?

बाद में इन दोनों मामलों को लखनऊ की कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया. सीबीआई ने जांच के दौरान साज़िश के सबूत पाए. उसने दोनों एफआईआर के लिए साझा चार्जशीट दाखिल की. इसमें बाल ठाकरे समेत 13 और नेताओं के नाम जोड़े गए. कुल 21 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश की धारा 120b के आरोप लगाए गए.

2001 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पाया कि एफआईआर 198 को लखनऊ की स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर करने से पहले चीफ जस्टिस से इसकी इजाज़त नहीं ली गयी थी. ऐसा करना कानूनन ज़रूरी था. इस वजह से लखनऊ की कोर्ट को एफआईआर 198 पर सुनवाई का अधिकार नहीं था.

CBI ने हाईकोर्ट के फैसले को दी थी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

हाई कोर्ट ने इस निष्कर्ष के आधार पर दोनों मामलों को अलग चलाने का आदेश दिया. इस फैसले को बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया. दोनों मामले अलग होने के चलते सीबीआई की साझा चार्जशीट बेमानी हो गयी. आठ नेताओं का मुकदमा रायबरेली वापस पहुंच गया. बाद में इसी को आधार बनाकर वो 13 नेता भी मुकदमे से बच गए जिनका नाम साझा चार्जशीट में शामिल था. इसका सबसे बड़ा असर ये हुआ कि किसी भी नेता के ऊपर आपराधिक साजिश की धारा बची ही नहीं.

13 नेताओं को मुकदमे से अलग करने का हाई कोर्ट का फैसला 2011 में आया. सीबीआई ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.

भूपेश – सिंहदेव बोले रमण सिंह की पहचान दारू वाले बाबा की। जोगी जाएंगे भाजपा में…

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अंबिकापुर. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल व नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने शनिवार को सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री रमन सिंह व सरकार पर तीखा हमला बोला। पत्रवार्ता में बघेल ने कहा रमन सिंह अब चाऊर वाले नहीं दारू वाले बाबा बन गए हैं, प्रदेश में घोटालों की सीमा पार हो गई है, अगर प्रधानमंत्री बोलते हैं कि न खाऊंगा और न किसी को खाने दूंगा तो उन्हें सबसे पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री व गृहमंत्री पर कार्रवाई करनी चाहिए।

इधर सिंहदेव ने कहा 14 साल पहले वाले रमन सिंह की छवि धूमिल हो चुकी है, उनकी सरकार के वनवास पर जाने का समय नजदीक आ चुका है। इस दौरान बघेल ने यूपी की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी किसानों का कर्ज माफी करने की मांग उठाई। उन्होंने जोगी के बारे में कहा कि रमन व जोगी में गहरी मित्रता है। कांग्रेस में जोगी के आने का तो कोई सवाल ही नहीं है। जोगी भाजपा में जाएंगे।

पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि हमें बजट के समय में उम्मीद थी कि सरकार किसानों के लिए समर्थन मूल्य व बोनस पर बड़ी घोषणा करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और किसान एक बार फिर ठगे गए। उन्होंने कहा सरप्लस स्टेट कहलाए जाने वाले छत्तीसगढ़ में किसानों को दोगुने दाम पर बिजली दी जा रही है।

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यूपी में जिस तरह से किसानों का कर्ज माफ किया गया है। वैसे ही छत्तीसगढ़ में भी किसानों का कर्ज व बिजली बिल माफ किया जाए और इन्हीं सब मुद्दों को लेकर हम प्रदेश भर में किसानों का सम्मेलन कर रहे हैं। उन्होंने हाथियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरगुजा संभाग में हाथी व मानव के बीच संघर्ष बढ़ते जा रहा है और विभाग और सरकार कुछ नहीं कर पा रही है।

गजराज परियोजना सिर्फ कागजों में है, हाथी अंबिकापुर में घुस जाते हैं और प्रशासन-वन विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगती है इससे बड़ी लापरवाही क्या हो सकती है। बघेल ने कहा कि हाथियों के हमले में लगातार लोगों की जान जा रही है, सरकार द्वारा दिया जाने वाला मुआवजा भी अपर्याप्त है।

नान घोटाले की डायरी में रमन के परिवार का नाम
बघेल ने कहा कि रमन सिंह व सरकार पर पिछले तीन-चार साल में जो आरोप लगे हैं, वे पहले कभी नहीं लगे। 36 हजार करोड़ के नान घोटाला हुआ उससे रमन सिंह न इनकार कर पा रहे हैं और न ही अदालत में ले जा पा रहे हैं। बघेल ने आरोप लगाया कि नान घोटाले की जो डायरी मिली थी उसमें रमन सिंह के परिवार के सदस्यों सहित ड्राइवर तक का नाम है। इसी तरह हेलीकॉप्टर खरीदी में भी घोटाला हुआ।

बैकफुट पर है सरकार
बघेल ने कहा प्रदेश में करीब एक दर्जन भ्रष्ट अधिकारी हैं जिनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। गृहमंत्री के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति व स्वेच्छानुदान में गड़बड़ी के गंभीर आरोप हैं। अंतागढ़ टेपकांड का भी मामला न्यायालय में है। इस तरह से सरकार हमारे आरोपों पर पूरी तरह से बैकफुट पर है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने कहा था कि न खाऊंगा और न किसी को खाने दूंगा और अगर ये जुमला नहीं है तो सबसे पहले छत्तीसगढ़ के सीएम व एचएम के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

शराब बेचने प्रशासनिक आतंकवाद का लिया सहारा
नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा सरकार प्रदेश में शराब बेचने के लिए प्रशासनिक आतंकवाद का सहारा ले रही है। सरकार का सीधे शराब बेचने का मकसद शराब निर्माताओं से 25 प्रतिशत कमीशन लेना है। लोगों की भावनाओं को कुचलकर बिना ग्राम सभा के अनुमति के ही जगह-जगह प्रशासनिक भय डालकर शराब दुकान खोली जा रही है।

उन्होंने कहा ये वही सरकार है जिसके कार्यकाल में कई घोटाले व झीरम घाटी जैसी घटना हुई। सिंहदेव ने कहा अब रमन सिंह की 14 साल पहले वाली छवि धूमिल हो गई है। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष ने कहा अगर हमारी सरकार बनी तो प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू करेंगे।

सरकार जिला पंचायत सदस्यों पर बना रही दबाव
टीएस सिंहदेव ने जिला पंचायत में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के खिलाफ सदस्यों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले महिला सदस्यों के पतियों के तबादले सुकमा व गरियाबंद किए जा रहे हैं। सरकार उन पर दबाव डाल रही है ताकि वे खिलाफ में वोटिंग न करें। पूरा अमला उनके पीछे पड़ा हुआ है, ये काफी निंदनीय है। उन्होंने कहा अब रमन सिंह की सरकार के वनवास का समय आ चुका है। अगले चुनाव में जनता उन्हें करारा जवाब देगी।

रमन के मित्र हैं जोगी, भाजपा में जाएंगे
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से चुनौती मिलने के सवाल पर बघेल ने कहा कि हमारा मुकाबला सीधे भाजपा से है और किसी क्षेत्रीय दल का कोई वर्चस्व नहीं है। उन्होंने कहा जोगी अभी तक अफवाहों पर आधारित राजनीति ही करते आए हैं। कांग्रेस से जाने के बाद उनकी स्थिति एकदम शून्य हो गई है। उन्होंने कहा जोगी रमन सिंह के स्वाभाविक मित्र हैं। जोगी के दम पर ही रमन सिंह तीन बार सरकार बनाते आएं हैं। जनता पहले भ्रम में थी लेकिन अब सब जान चुकी है। बघेल ने कहा जोगी का कांग्रेस में आने का तो कोई सवाल ही नहीं है, हां इतना जरूर है कि वो भाजपा में जाएंगे।

जिनकी परफॉरमेंस अच्छी, उन्हें ही मिलेगा टिकट
विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण के सवाल पर नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि हमने स्पष्ट कह दिया है कि ये जरूरी नहीं कि सीटिंग एमएलए को दोबारा टिकट दिया जाए। क्योंकि पिछले बार मात्र 8 सीटिंग एमएलए ही चुनाव जीत पाए थे। अगर सभी दलों की बात करें तो 90 सीट में से 52 वो विधायक जीतकर आए थे जिन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा था।

सिंहदेव ने कहा जिसकी परफॉरमेंस अच्छी होगी तथा जो विनिंग कैंडिडेट होगा, उसे ही टिकट मिलेगी। जिलाध्यक्षों के फेरबदल पर बघेल ने कहा कि जो चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं उन्हें हम मौका देना चाहते हैं कि वे अपने क्षेत्र में जाकर तैयारी करें।

प्रशासन द्वारा व्यापारी के साथ जो घटना कारित की गई बेहद ही भयानक, गंभीर और शर्मनाक…

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*बलौदाबाजार* में जो हुआ वह आप हम किसी भी आम आदमी के साथ कभी भी घटित हो सकती है। सरकार का नियंत्रण अपने बेलगाम प्रशासन पर नही रहा, पुलिस बेख़ौफ़ सड़को पर राहगीरों के साथ अभद्रता कर बसूली कर रही है, सवाल जबाव करने वालों पर शासकीय कार्य मे बाधा 353 पर अपराध पंजीकृत करने की धमकी देती है।
बलौदाबाजार में एक व्यापारी को सरे आम पुलिस द्वारा रोका जाता है थाने ले जाया जाता है और थर्ड डिग्री दे कर जान से मार दिया जाता है तड़पते पिता को बेटियां दबाई देना चाहती है तो उन्हें भी रोका जाता है, इस घटना के बाद जनता में डर और रोष का माहौल है।
एक व्यापारी के साथ ये सब होता है तब चेम्बर चुप क्यों रह जाता है क्यों नही शासन और प्रशासन के खिलाफ छत्तीसगढ़ बंद कराता?
यदि उस सिख व्यापारी के परिवार के साथ समाज और स्थानीय व्यापारी खड़े ना हुए होते तो निश्चित ही पुलिस वाले मर्डर कर मामले को रफा दफा कर देते।
इस घटना के बाद हम शासन से मांग करते है कि अपने बेलगाम प्रशासन को समझाओ कि चेकिंग के नाम पर आम जनता को परेशान ना करे उनके साथ नम्र व्यवहार रखे, आखिर वे पब्लिक सर्वेंट है ना की मालिक यदि कोई कानून तोड़ता है तो निश्चित ही चालान काटे खुद कानून को तार तार ना करे।
क्योंकि जिस तरह उनके बच्चे घर पर इन्तेजार कर रहे होते है उसी तरह सबके परिजन होते है।

भगवान मृतात्मा को शांति दे और परिजनों को दुःख सहने की शक्ति ओम शांति

*प्रवीण जैन*
*जिलाध्यक्ष कांग्रेस व्यापार रायपुर*

महावीर जन्म कल्याणक – २०१७

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आवश्यक सुचना एवं निवेदन

रायपुर सकल जैन समाज के प्रत्येक सदस्य चाहे आप किसी भी पंथ संप्रदाय मान्यता के हों आप श्री से सादर निवेदन है के विगत कई वर्षों से रायपुर सकल जैन समाज के डायरेक्टरी निर्माण के प्रयास किये गए है उन प्रयासों से प्राप्त डाटा के अनुसार सकल जैन समाज रायपुर की डायरेक्टरी एंड्रोयड APP( एप)  जो प्ले स्टोर मे Bmjs के नाम पर है के द्वारा नए स्वरुप पर आपके समक्ष प्रस्तुत है , वर्तमान मे उपलब्ध डाटा अनुसार रायपुर के जैन स्वधर्मियों के नाम विवरण की जानकारी दी गयी है
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आपका नाम न होने की दशा मे सर्वप्रथम घर के मुखिया अपनी जानकारी प्रदान करें पश्चात निःशुल्क रजिस्टर्ड होने पे शेष पारिवारिक सदस्य की जानकारी प्रविष्ठ करेंगे ।
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भवदीय
भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव समिति रायपुर 2017